इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक़ दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी आरामको अपनी बहुप्रतीक्षित सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के साथ बाज़ार में उतरने के बाद बुधवार को शेयर मार्केट में सूचीबद्ध हुई.
आरामको का आईपीओ अपने इश्यू प्राइस के मुक़ाबले 10 फ़ीसदी प्रीमियम के साथ 35.20 रियाल (664.13 रुपए) पर लिस्ट हुआ.
इस आईपीओ के 25.60 अरब डॉलर (करीब 1834 अरब रुपए) की रक़म जुटाने की उम्मीद थी लेकिन आरामको ने 25.60 अरब डॉलर जुटाए.
यानी आईपीओ के सूचीबद्ध होने के साथ ही रकम जुटाने के मामले में इसने साल 2014 में न्यूयॉर्क में लिस्ट हुई अलीबाबा को (25 अरब डॉलर) भी पीछे छोड़ दिया है.
सऊदी आरामको ने टेक्नोलॉजी क्षेत्र की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी ऐपल को भी मार्केट कैपिटल के लिहाज से पछाड़ दिया है.
आईपीओ की लिस्टिंग के बाद कंपनी की कुल पूंजी बढ़कर लगभग 1.88 ट्रिलयन डॉलर हो चुकी है. ये ऐपल की बाज़ार पूंजी 1.2 ट्रिलियन डॉलर से कहीं ज़्यादा है.
नवभारत टाइम्स की ख़बर के अनुसार 16 वर्षीय स्वीडिश छात्रा ग्रेटा थनबर्ग को टाइम्स मैगज़ीन, 2019 पर्सन ऑफ़ द इयर नामित किया गया है. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण से दुनियाभर के नेताओं का ध्यान खींचा था. उनका 'हाउ डेयर यू' भाषण काफी सुर्खियों में रहा था जो उन्होंने यूएन में दिया था.
जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई की मांग करके वैश्विक स्तर पर इस आंदोलन की शुरुआत करने वाली थनबर्ग इस पुरस्कार को पाने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति हैं.
ग्रेटा ने महज एक साल के भीतर ही जलवायु के मुद्दे पर अभियानों की वजह से अपनी पहचान बनाई है.
इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के अनुसार, अयोध्या मामले में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होगी.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में 9 नवंबर के फ़ैसले की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों वाली संविधान पीठ गुरुवार को चैंबर में याचिकाओं की सुनवाई करेगी.
शीर्ष अदालत ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फ़ैसला सुनाया था और मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक पांच एकड़ ज़मीन आबंटित की थी.
मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण, एस अब्दुल नजीर, और संजीव खन्ना की पीठ इस बात पर सुनवाई करेगी कि 18 याचिकाओं की सुनवाई खुली अदालत में हो या नहीं. पहले इस बेंच की अगुवाई करने वाले चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर हो चुके हैं. जस्टिस संजीव खन्ना ने उनकी जगह ली है.
दैनिक जागरण की ख़बर के अनुसार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने को लेकर जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन ने छात्रों और दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ अवमानना याचिका दायर की है.
जेएनयू प्रशासन का कहना कि आदेश का उल्लंघन करके 28 अक्तूबर से विश्वविद्यालय के दिन प्रतिदिन के काम में बाधा पहुंचाई जा रही है.
पुलिस अदालत के आदेश का अनुपालन कराने में नाकाम रही है और उसने क़ानून-व्यवस्था बनाए रखने का हवाला देकर ऐसा करने से इनकार भी किया है.
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